प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए बड़े फैसले

 


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूरा होने के मौके पर लोकतंत्र को संरक्षित रखने का संकल्प लिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में आपातकाल लगाये जाने के 50 वर्ष पूरा होने के मौके पर उन अनगिनत व्यक्तियों की दमन युक्त पीड़ा को याद रखने और उनके त्याग को सम्मान देने का संकल्प लिया, जिन्होंने आपातकाल और भारतीय संविधान की भावना को कमतर किये जाने के प्रयास का विरोध किया था। 1974 में नवनिर्माण आंदोलन और सम्पूर्ण क्रांति अभियान को कुचलने के प्रयास के साथ तत्कालीन सरकार ने आपातकाल की ओर क्रूर कदम बढ़ाये थे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज दो मिनट का मौन रखकर उन लोगों को श्रद्धांजलि दी गई, जिनके संविधान प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए थे और उन्हें अकल्पनीय भयावहता का सामना करना पड़ा था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल की ज्यादतियों के खिलाफ उनकी अनुकरणीय हिम्मत और साहस पूर्ण प्रतिरोध के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की।

संविधान को शक्तिहीन करने के प्रयास, भारतीय गणतंत्र और लोकतांत्रिक भावना पर हमले, संघवाद को कमजोर करने और मौलिक अधिकारों, मानव स्वतंत्रता और गरिमा को निलंबित किये जाने के भारतीय इतिहास के अविस्मरणीय दुखद अध्याय वाले संविधान हत्या दिवस के आज 2025 में 50 वर्ष पूरे हुए हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस बात की पुनः पुष्टि की कि भारत के लोगों का भारतीय संविधान और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों में दृढ़ विश्वास है। युवाओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे उन लोगों से प्रेरणा लें जिन्होंने तानाशाही प्रवृत्तियों का प्रबल विरोध किया और हमारे संविधान और इसके लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा के लिए दृढ़ता से खड़े रहे।

भारत लोकतंत्र की जननी के रूप में संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और उन्हें संरक्षित और बचाये रखने का अप्रतिम उदाहरण है।

आइए, एक राष्ट्र के रूप में, हम अपने संविधान और इसकी लोकतांत्रिक एवं संघीय भावना कायम रखने के अपने संकल्प को फिर से दोहराएं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को स्‍वीकृति दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के आगरा में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (सीएसएआरसी) की स्थापना के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रस्ताव को स्‍वीकृति दे दी है।

इस निवेश का मुख्य उद्देश्य आलू और शकरकंद की उत्पादकताकटाई के बाद प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य एवं पोषण सुरक्षाकिसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है।

भारत में आलू क्षेत्र में उत्पादन क्षेत्रप्रसंस्करण क्षेत्रपैकेजिंगपरिवहनविपणनमूल्य श्रृंखला आदि में महत्वपूर्ण रोजगार अवसरों के सृजन की क्षमता है। इसलिएइस क्षेत्र में अपार संभावनाओं का दोहन करने और उनका पता लगाने के लिएअंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र उत्तर प्रदेश के आगरा के सिंगना में स्थापित किया जा रहा है। सीएसएआरसी द्वारा विकसित आलू और शकरकंद की उच्च उपज प्रदातापोषक तत्वयुक्‍त और जलवायु अनुकूल किस्में न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर विज्ञान और नवाचार के माध्यम से दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी आलू और शकरकंद क्षेत्रों के सतत विकास को महत्वपूर्ण रूप से गति प्रदान करेंगी।

कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना चरण-2: वनाज से चांदनी चौक (कॉरिडोर 2ए) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर 2बी), मौजूदा पुणे मेट्रो चरण-I (वनाज-रामवाड़ी) के विस्तार को स्‍वीकृति दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण: वनाज से चांदनी चौक (कॉरिडोर 2ए) और रामवाड़ी से वाघोली/विट्ठलवाड़ी (कॉरिडोर 2बी) को स्‍वीकृति दे दी है। यह चरण-1 के तहत मौजूदा वनाज-रामवाड़ी कॉरिडोर का विस्तार है। ये दो एलिवेटेड कॉरिडोर 12.75 किलोमीटर तक फैले होंगे और इनमें 13 स्टेशन शामिल होंगे, जो चांदनी चौक, बावधन, कोथरुड, खराडी और वाघोली जैसे तेजी से विकसित हो रहे उपनगरों को जोड़ेंगे। इस परियोजना को चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

परियोजना की अनुमानित लागत 3626.24 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बाहरी द्विपक्षीय/बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा समान रूप से साझा किया जाएगा। यह रणनीतिक प्रस्ताव मौजूदा कॉरिडोर-2 का युक्तिसंगत विस्तार है और व्यापक आवाजाही योजना (सीएमपी) के साथ तालमेल रखता है, जो पुणे में पूर्व से पश्चिम के बीच आम लोगों की सुविधा हेतु परिवहन प्रणाली को मजबूत करने के लिए चांदनी चौक से वाघोली मेट्रो कॉरिडोर तक एक सतत विकास का लक्ष्‍य रखता है।

ये विस्तार प्रमुख आईटी हब, वाणिज्यिक क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थानों और आवासीय क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेंगे, जिससे पूरे नेटवर्क में सार्वजनिक परिवहन और सवारियों की भागीदारी बढ़ेगी। नए कॉरिडोर जिला न्यायालय इंटरचेंज स्टेशन को लाइन-1 (निगडी-काटराज) और लाइन-3 (हिंजेवाड़ी-जिला न्यायालय) के साथ एकीकृत करेंगे, ताकि निर्बाध मल्टीमॉडल शहरी यात्रा को सक्षम किया जा सके।

दीर्घकालिक परिवहन योजना के अंतर्गत, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों से इंटरसिटी बस सेवाओं को चांदनी चौक के साथ जोड़ दिया जाएगा। इसके अलावा अहिल्या नगर और छत्रपति संभाजी नगर से इंटरसिटी बस सेवाओं को वाघोली में जोड़ा जाएगा। इससे यात्रियों को पुणे की मेट्रो प्रणाली तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी। ये विस्तार पौड रोड और नगर रोड जैसे मुख्य मार्गों पर भीड़भाड़ कम करने में भी मदद करेंगे, जिससे सुरक्षित, तेज़ और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के विकल्प मिलेंगे।

इन गलियारों के पूरा होने के बाद, पूरी लाइन 2 के लिए अनुमानित दैनिक तौर पर सवारियों की निरंतर बढ़ती संख्या वर्ष 2027 में 0.96 लाख, वर्ष 2037 में 2.01 लाख, वर्ष 2047 में 2.87 लाख और वर्ष 2057 में 3.49 लाख होने का अनुमान है। इस परियोजना को महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (महा-मेट्रो) द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा, जो सभी सिविल, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल और संबंधित कार्यों को पूरा करेगा। स्थलाकृतिक सर्वेक्षण और विस्तृत डिजाइन संबंधी परामर्श जैसी निर्माण-पूर्व गतिविधियां पहले ही शुरू हो चुकी हैं।

यह रणनीतिक विस्तार पुणे की आर्थिक क्षमता को बढ़ाएगा। इसके शहरी परिवहन इंफ्रास्‍ट्रचर को बढ़ाएगा और महानगरीय क्षेत्र में सतत और समावेशी विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

 

मंत्रिमंडल ने झरिया कोयला क्षेत्र में आग और भू-धंसाव से निपटने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने झरिया कोयला क्षेत्र में आगभू-धंसाव तथा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) को मंजूरी दे दी है। संशोधित योजना के कार्यान्वयन पर कुल 5,940 करोड़ 47 लाख रुपये का वित्तीय परिव्यय आयेगा। योजना के चरणबद्ध कार्यान्वयन से आग तथा धंसाव से निपटने तथा प्रभावित परिवारों को अत्यंत विकट स्थलों से प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित पुनर्वास सुनिश्चित होगा।

संशोधित जेएमपी योजना में पुनर्वासित परिवारों की स्थायी आजीविका के साधन सृजित करने पर जोर दिया गया है। पुनर्वासित परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए विशेष कौशल विकास और रोजगार परक उपाय किए जाएंगे।

इसके अलावाएक लाख रुपये का आजीविका अनुदान और वैध भू-स्वामित्व धारक (एलटीएच) परिवारों और अपंजीकृत भू-धारक (नॉन-एलटीएच) परिवारों- दोनों को तीन लाख रुपये तक संस्थागत ऋण सहायता दी जाएगी।

इसके अलावापुनर्वासित स्थलों पर सड़कबिजलीजल आपूर्ति, सीवरेजस्कूलअस्पतालकौशल विकास केंद्रसामुदायिक भवन जैसे व्यापक बुनियादी ढांचे और आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। संशोधित झरिया मास्टर प्लान कार्यान्वयन समिति की सिफारिशों के अनुसार इन प्रावधानों को लागू किया जाएगा। इससे समग्र और मानवीय पुनर्वास सुनिश्चित होगा।

पुनर्वासित व्यक्तियों के आजीविका उपायों के लिए समर्पित झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष स्थापित किया जाएगा। इस क्षेत्र में संचालित बहु कौशल विकास संस्थानों के सहयोग से वहां कौशल प्रदान करने संबंधी विकास पहल भी की जाएगी।

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